हड़प्पा सभ्यता के विस्तार
हड़प्पा सभ्यता के विस्तार को रेखांकित- हड़प्पा अथवा सैन्धव सभ्यता का विस्तार बहुत विस्तृत था। सन् 1921 में जब पश्चिमी पंजाब के हड़प्पा स्थल पर इस सभ्यता का पता चला और अगले वर्ष एक अन्य प्रमुख स्थल मोहनजोदड़ो की खोज हुई, तब यह सोचा गया कि यह सभ्यता अनिवार्यतः सिन्धु घाटी तक ही सीमित थी अतः इस सभ्यता का संकेत देने के लिए सिन्धु घाटी की ‘सभ्यता’ शब्दावली का प्रयोग शुरू हुआ। परन्तु बाद के वर्षों के अनुसंधान से जब यह प्रमाणित हो गया कि यह सभ्यता स्वयं सिन्धु घाटी की सीमाओं के पार दूर-दूर तक फैली थी अतः इसके लिए हड़प्पा सभ्यता जैसे गैर-भौगोलिक शब्द के प्रयोग का निर्णय लिया गया।
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दूसरे शब्दों में हड़प्पा स्थल के नाम पर स्वयं इस सभ्यता का नामकरण उस स्थल के नाम पर कर दिया जाता है जहाँ पहले पहल उसे पहचाना जाता है। हड़प्पा सभ्यता शब्द का प्रयोग करते समय इसका अध्ययन करने वाले पुरातत्ववेत्ता केवल प्रचलित प्रथा का अनुसरण कर रहे थे। सिन्धु सभ्यता का भौगालिक विस्तार सिन्धु, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, बलूचिस्तान, उत्तर पश्चिमी सीमान्त, हरियाणा, जम्मू, गंगा जमुना दोआबा तथा उत्तरी अफगानिस्तान तक विस्तृत था।
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