Constitution of India

भारत के संविधान में संशोधन करने की प्रक्रिया का वर्णन कीजिए। क्या संसद संविधान के मूलभूत ढाँचे में परिवर्तन कर सकती है? विवेचना कीजिए।

भारत के संविधान में संशोधन करने की प्रक्रिया का वर्णन कीजिए। क्या संसद संविधान के मूलभूत ढाँचे में परिवर्तन कर सकती है? विवेचना कीजिए।

भारत के संविधान में संशोधन – भारतीय संविधान की संशोधन प्रक्रिया अनु 368 में दी गई है। संविधान निर्माताओं ने जान बूझकर संवैधानिक संशोधन की ऐसी प्रक्रिया रखी है जो न ब्रिटिश संविधान की तरह आसान है और न अमेरिका या आस्ट्रेलिया की तरह कठिन ही। परन्तु कुछ अन्य अनुच्छेदों में साधारण विधायी प्रक्रिया द्वारा …

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लोक सेवा कर्मचारियों को नौकरी के मामले में दी गई संवैधानिक सुरक्षा की विवेचना कीजिए। क्या लोक सेवा कर्मचारी को दिया गया प्राकृतिक न्याय का अधिकार अपवर्जित किया जा सकता है? निर्णीत वादों का उल्लेख कीजिए।

लोक सेवा कर्मचारियों को नौकरी के मामले में दी गई संवैधानिक सुरक्षा की विवेचना कीजिए। क्या लोक सेवा कर्मचारी को दिया गया प्राकृतिक न्याय का अधिकार अपवर्जित किया जा सकता है? निर्णीत वादों का उल्लेख कीजिए।

लोक सेवा कर्मचारियों संवैधानिक सुरक्षा – संसदीय पद्धति की लोकतान्त्रिक शासन प्रणाली में प्रशासनिक नीतियों का निर्धारण मंत्रिमण्डल करता है, किन्तु उनका क्रियान्वयन लोक सेवकों द्वारा ही किया जाता है। इसलिये लोक सेवकों को राजनीतिक और व्यक्तिगत किसी भी प्रकार के दबाव से मुक्त रखने के लिये उन्हें इस संविधान के अन्तर्गत संरक्षण प्रदान किये …

लोक सेवा कर्मचारियों को नौकरी के मामले में दी गई संवैधानिक सुरक्षा की विवेचना कीजिए। क्या लोक सेवा कर्मचारी को दिया गया प्राकृतिक न्याय का अधिकार अपवर्जित किया जा सकता है? निर्णीत वादों का उल्लेख कीजिए। Read More »

राज्यों में संवैधानिक तंत्र के विफल होने से उत्पन्न आपात के प्रावधानों को समझाइये तथा आपातकाल के प्रभावों का उल्लेख कीजिये।

राज्यों में संवैधानिक तंत्र के विफल होने से उत्पन्न आपात के प्रावधानों को समझाइये तथा आपातकाल के प्रभावों का उल्लेख कीजिये।

राज्यों में संवैधानिक तंत्र – जब राज्यपाल राष्ट्रपति को रिपोर्ट करे या राष्ट्रपति को अपने आप यह समाधान हो जाए कि किसी राज्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गयी है, जिससे वह संविधान के उपबन्धों का पालन करने में असफल हैं, तो वह उस राज्य में आपात् स्थिति घोषित कर सकता है। ऐसी घोषणा के …

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संघ तथा राज्य के बीच प्रशासी सम्बन्ध से सम्बन्धित संवैधानिक उपबन्धों का विश्लेषण कीजिए। Analyse the provisions of the Constitution regarding the administrative relation between the Union and the state.

संघ तथा राज्य के बीच प्रशासी सम्बन्ध– इस संविधान के अन्तर्गत केन्द्र और राज्यों के बीच दो प्रकार के प्रशासकीय सम्बन्धों की स्थापना की गई है— (1) संकट काल में (In Emergency Period) राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 356 के अन्तर्गत किसी राज्य में संवैधानिक तन्त्र के विफल होने पर उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने …

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व्यापार तथा वाणिज्य की स्वतन्त्रता से सम्बन्धित भारतीय संविधान के उपबन्धों की आलोचनात्मक परीक्षा कीजिए। Critically examine the provisions of Indian Constitution relating to the freedom of trade and commerce.

व्यापार तथा वाणिज्य की स्वतन्त्रता से सम्बन्धित भारतीय संविधान के उपबन्धों की आलोचनात्मक परीक्षा कीजिए। Critically examine the provisions of Indian Constitution relating to the freedom of trade and commerce.

व्यापार तथा वाणिज्य की स्वतन्त्रता- समस्त भारत क्षेत्र में मुक्त परिवहन एवं मालों के आगमन को कायम रखना देश की आर्थिक एकता के लिए परम आवश्यक है। भारतीय संविधान में ऐसी व्यवस्था दो गई है कि जिससे सभी राज्यों के बीच स्वतन्त्र वाणिज्य पनप सके। अनुच्छेद 301 से लेकर 307 के तहत अन्तर्राज्यिक व्यापार व …

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छद्म विधायन का सिद्धान्त पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए:(Write a short note on the Doctrine of Colourable Legislation),

छद्म विधायन का सिद्धान्त पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए:(Write a short note on the Doctrine of Colourable Legislation),

छद्म विधायन का सिद्धान्त (Doctrine of Colourable Legislation) – यदि संविधान केन्द्र और राज्यों में विधान शक्ति का विभाजन करता है और मूल अधिकारों के रूप में उन पर आवश्यक सीमायें निर्धारित करता है, तो यह प्रश्न उठ सकता है। कि क्या विधायिका ने इस शक्ति के प्रयोग से संवैधानिक सीमाओं का अतिक्रमण किया है …

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वित्तीय आपातकाल पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए:(Write a short note on Financial Emergency).

वित्तीय आपातकाल पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए:(Write a short note on Financial Emergency).

वित्तीय आपात (Financial Emergency) -अनुच्छेद 360 के अन्तर्गत- (1) यदि राष्ट्रपति का यह समाधान हो जाता है कि ऐसी स्थिति पैदा हो गई है, जिसमें भारत या उसके किसी भाग का वित्तीय स्थायित्व (Financial stability) या उसकी साख (credit) खतरे में हैं, तो वह उद्घोषणा द्वारा इस बात की घोषणा कर सकेगा। (2) उपर्युक्त उद्घोषणा …

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धन विधेयक पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए (Write a short note on Money Bill)

धन विधेयक पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए (Write a short note on Money Bill)

धन विधेयक की परिभाषा ( Definitiord of Money Bill)- (1) अनुच्छेद 110 (1) में उपबन्धित परिभाषा के अनुसार धन विधेयक केवल निम्नलिखित बातों में से सभी या किन्हीं एक के सम्बन्ध में उपबन्ध करता है- (2) किसी विधेयक को केवल इस कारण से धन विधेयक नहीं माना जायेगा कि वह जुर्माना या अन्य धनसम्बन्धी शास्तियों …

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माल और सेवा कर परिषद् के गठन के बारे में संविधान में क्या व्यवस्था की गई है? (What provisions have been made regarding constitution of Goods and Service Tax Council in the Constitution?)

माल और सेवा कर परिषद् के गठन के बारे में संविधान में क्या व्यवस्था की गई है? (What provisions have been made regarding constitution of Goods and Service Tax Council in the Constitution?)

संविधान (101वां संशोधन) अधिनियम, 2016 द्वारा संविधान में एक नया अनुच्छेद 279-क जोड़कर माल और सेवा कर परिषद के गठन के बारे में प्रावधान किया गया है। माल और सेवा कर परिषद् का गठन निम्नांकित से मिलकर होगा- भारत के उच्चतम न्यायालय के प्रारम्भिक तथा परामर्शकारी क्षेत्राधिकारों की विवेचना कीजिए। इनमें से एक को उप …

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सारतत्व का सिद्धान्त पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए: (Write a short note on Doctrine of Pith and Substances).

सारतत्व का सिद्धान्त पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए: (Write a short note on Doctrine of Pith and Substances).

सारतत्व का सिद्धान्त (Doctrine of Pith and Substances) – जब एक विधायिका द्वारा निर्मित विधि दूसरे विधान मण्डल के भी क्षेत्र में अतिक्रमण करती है, तो इस बात के निर्धारण के लिए विवादग्रस्त विधान उस विधायिका की शक्ति के अधीन है या कि नहीं जिसने उसे निर्मित किया है, न्यायालय सारतत्व का सिद्धान्त लागू करता …

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