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कबीर का जीवन-परिचय दीजिए एवं उनकी रचनाओं पर संक्षिप्त प्रकाश डालिये।

कबीर का जीवन-परिचय दीजिए एवं उनकी रचनाओं पर संक्षिप्त प्रकाश डालिये।

कबीर का जीवन-परिचय – जन्म निर्गुण भक्तिधारा के ज्ञानमार्ग की उपासना पद्धति का अनुसरण कर निराकार ब्रह्म के उपासक सन्त कबीरदास के जीवन से सम्बन्धित विभिन्न तथ्यो की प्रमाणिकता संदिग्ध है। कुछ विद्वानों के अनुसार जो उनके सम्प्रदाय के अनुयायी थे, कबीर की जन्म तिथि स० १४५५ (सन् १३६६ ई०) जेट पूर्णिमा दिन चन्द्रवार को …

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निर्मल वर्मा का यात्रा वृत्त: चीड़ों पर चाँदनी का सारांश लिखिए।

निर्मल वर्मा का यात्रा वृत्त: चीड़ों पर चाँदनी का सारांश लिखिए।

निर्मल वर्मा का यात्रा वृत्त: चीड़ों पर चाँदनी– ‘चीड़ों पर चाँदनी’ निर्मल वर्मा द्वारा लिखित यात्रा संस्मरण है जो कि उनके सन् 1959 में प्रकाशित संग्रह ‘चीड़ों पर चाँदनी’ का नवाँ संस्मरण है। ‘चीड़ों पर चाँदनी’ संग्रह को लेखक ने तीन उपशीर्षकों में विभाजित किया है। प्रथम ‘उत्तरी रोशनियों की ओर’, द्वितीय ‘चीड़ों पर चाँदनी’ …

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फणीश्वरनाथ 'रेणु' की कहानी कला का परिचय दीजिए।

फणीश्वरनाथ ‘रेणु’ की कहानी कला का परिचय दीजिए।

फणीश्वरनाथ ‘रेणु’ की कहानी कला-फला लिखने में निपुण है। रेणु ने भी ग्रामीण अंचल के सम्पूर्ण परिवेश की, यहाँ की समस्याओं को, यहाँ के जीवन- वैविध्य को, संस्कृति, तौर-तरीके आदि को अपनी कहानियों के माध्यम से प्रस्तुत किया है, वहाँ के उत्सव, रूढ़ियों, अन्धविश्वास, लोकगीत आदि का चित्रण किया है। “इनकी कहानियों की आंचलिकता विशेष …

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फणीश्वरनाथ 'रेणु' की कहानी लाल पान की बेगम का मूल्यांकन कीजिए।

फणीश्वरनाथ ‘रेणु’ की कहानी लाल पान की बेगम का मूल्यांकन कीजिए।

फणीश्वरनाथ ‘रेणु’ की कहानी लाल पान की बेगम – फणीश्वरनाथ रेणु ग्राम अत् की सामाजिक- भौगोलिक छवियों को गहरी आत्मीयता और संवेदना से चित्रित करने वाले कचाकार के रूप में अतुलनीय है। ‘लाल पान की बेगम’ आंचलिक विशेषताओं वाली उनकी एक अत्यन्त चर्चित कहानी है। बिहार के पूर्णिया अंचल की भाषिक विशेषताओं, मुहावरों, लोकोक्तियों, गालियों, …

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संस्मरण की अवधारणा स्पष्ट कीजिए। संस्मरण और रेखाचित्र में क्या असमानताएँ हैं?

संस्मरण की अवधारणा स्पष्ट कीजिए। संस्मरण और रेखाचित्र में क्या असमानताएँ हैं?

संस्मरण की अवधारणा- संस्मरण में लेखक अपने पूर्व- अनुभव और स्मृति के आधार पर किसी वस्तु व्यक्ति अथवा घटना का आत्मीयता के साथ विवरण प्रस्तुत करता है। संस्मरण से आशय है, पूर्व घटनाओं का पूरी तरह संस्मरण लिपिबद्ध करना। मानव जीवन की कटु, तीखी एवं मधुर स्मृतियाँ अनुभूति और संवेदना का संसर्ग प्राप्त करके जब …

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अज्ञेय के कवि बत्सला का उल्लेख किजिए।

अज्ञेय के कवि बत्सला का उल्लेख किजिए।

अज्ञेय के कवि बत्सला अज्ञेय ने अपनी पुस्तक ‘स्मृति-लेखा’ में अपने अग्रज समकालीन लेखकों से सम्बन्धित 12 संस्मरण लिखे हैं। इनमें भारत कोकिला- सरोजनी नायडू को छोड़कर सभी पुण्य स्मरण हिन्दी के वरेण्य साहित्यकारों पर केन्द्रित है। इस संग्रह की भूमिका प्रसिद्ध साहित्यकार विद्यानिवास मित्र द्वारा लिखी गई है। इसी संग्रह में ‘कवि वत्सला’ शीर्षक …

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हिन्दी साहित्य में आत्मकथा से आप क्या समझते हैं? इसके विकास की विश्लेषणात्मक व्याख्या कीजिए

हिन्दी साहित्य में आत्मकथा से आप क्या समझते हैं? इसके विकास की विश्लेषणात्मक व्याख्या कीजिए

हिन्दी साहित्य में आत्मकथा– ‘आत्मकथा’ हिन्दी गद्य की नवीनतम विधा है। इस प्रकार की साहित्यिक विधा में लेखक अपने जीवन से सम्बद्ध पटनाओं का वर्णन प्रस्तुत करता है। यह वर्णन पूर्ण आत्मीयता के साथ सुरुचिपूर्ण ढंग से रोचक शैली में किया जाता है। गद्य की अन्य नवीनतम विधाओं की ही तरह आत्मकथा का विकास भी …

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भगवती चरण वर्मा के कृतित्व पर टिप्पणी लिखिए।

भगवती चरण वर्मा के कृतित्व पर टिप्पणी लिखिए।

भगवती चरण वर्मा के कृतित्व-भगवती चरण वर्मा का साहित्य में महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने काम, कहानी और उपन्यास के साथ-साथ नाटक य निबन्ध भी लिखा। सन् 1933 में वर्माजी का पहला कविता-संग्रह ‘मधुकण’ प्रकाशित हुआ वर्माजी का उपन्यास ‘पतन’ सन् 1928 में प्रकाशित हो चुका था। सन् 1934 में ‘चित्रलेखा’ का प्रकाशन हुआ। सन् 1935 …

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कहानी की परिभाषा एवं स्वरूप क्या होते हैं? विचार कीजिए।

कहानी की परिभाषा एवं स्वरूप क्या होते हैं? विचार कीजिए।

कहानी की परिभाषा – कथा कहानियों की परम्परा अत्यधिक प्राचीन है। हिन्दी में कहानी के लिये कथा, कहानी आख्यायिक और आख्यान का प्रयोग एक ही समानार्थी में होता है। कहानियाँ कई तरह की होती है इन्हें सीमा में नहीं बाधा जा सकता है। कहानी की कुछ परिभाषाएँ इस प्रकार है प्रेमचन्द के शब्दों में “हम …

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हिन्दी कहानी के विकास का इतिहास प्रस्तुत कीजिए।

हिन्दी कहानी के विकास का इतिहास प्रस्तुत कीजिए।

हिन्दी कहानी के विकास का इतिहास – मानव के जन्म के साथ ही कहानी का भी विकास हुआ है। कहानी का उद्भव भारत ‘को ही माना जाता है। कहानी कला के विवेक और प्रसिद्ध कहानीकार श्री विनोद शंकर व्यास में हिन्दी कहानी का आरम्भ जातक कथाओं तथा ‘बृहत्कथा’ में से खोज निकालने का प्रयत्न किया …

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