Indian Penal Code

मृत्युदण्ड की संवैधानिकता पर संक्षिप्त टिप्पणियां लिखिये-

मृत्युदण्ड की संवैधानिकता पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये-

मृत्युदण्ड की संवैधानिकता – बच्चन सिंह व अन्य बनाम राज्य (AIR 1980 SC 898) के बाद में धारा 302 जिसके द्वारा मृत्युदण्ड का उपबन्ध किया गया है, की संवैधानिकता को चुनौती दी गयी। याचिकाकर्ताओं ने इसे संविधान के अनुच्छेद 14, 19, 21 व संविधान के मूलभूत ढांचे के विरुद्ध बताते हुए अवैध घोषित किये जाने …

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अपराध करने का प्रयत्न की व्याख्या कीजिये। क्या भारतीय दण्ड संहिता के अन्तर्गत असम्भव प्रयत्नों के लिए दण्ड दिया जा सकता है? संगत प्रावधानों तथा वादों को उद्धृत कीजिये।

अपराध करने का प्रयत्न की व्याख्या कीजिये। क्या भारतीय दण्ड संहिता के अन्तर्गत असम्भव प्रयत्नों के लिए दण्ड दिया जा सकता है? संगत प्रावधानों तथा वादों को उद्धृत कीजिये।

अपराध करने का प्रयत्न की व्याख्या – सामान्यतः कोई भी कृत्य अथवा अपराध तब दण्डनीय होता है जब वह पूर्ण हो जाता है। पूर्णता से पूर्व वह दण्डनीय अपराध का रूप धारण नहीं करता। लेकिन भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 511 इस सामान्य नियम अथवा अवधारणा का अपवाद है। इसमें अपराध कारित करने के …

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विधि तुच्छ बातों पर ध्यान नहीं देती पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये

विधि तुच्छ बातों पर ध्यान नहीं देती पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये

विधि तुच्छ बातों पर ध्यान नहीं देती – इस कहावत का अर्थ है कि विधि उन बातों पर ध्यान नहीं देती जो अपने शाब्दिक अर्थ में तो अपराध की श्रेणी में आते हैं परन्तु उनमें क्षति नाममात्र की होती है जिसके लिए अपराध का संज्ञान करना भी न्यायोचित नहीं कहा जा सकता। उदाहरणतया, दूसरे व्यक्ति …

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दुर्घटना या दुर्भाग्यवश कार्य पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिय-

दुर्घटना या दुर्भाग्यवश कार्य पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिय-

दुर्घटना या दुर्भाग्यवश कार्य – विधि का सम्बन्ध सामान्य बुद्धि वाले मनुष्यों से है। असम्भव बातों से विधि का कोई सम्बन्ध नहीं होता। धारा 80 के अनुसार- ” कोई भी बात अपराध नहीं है जो दुर्घटना या दुर्भाग्य से और किसी आपराधिक आशय या ज्ञान के बिना विधिपूर्ण प्रकार से विधिपूर्ण साधनों द्वारा और उचित …

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राजद्रोह पर संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखिये

राजद्रोह पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये

राजद्रोह- धारा 124- क के अनुसार “जो कोई बोले गये या लिये गये शब्दों द्वारा या संकेतों द्वारा या दृश्यरूपण द्वारा या अन्यथा भारत में विधि द्वारा स्थापित सरकार के प्रति घृणा या अवमान पैदा करेगा या पैदा करने का प्रयत्न करेगा या अप्रीति उत्पन्न करने का प्रयत्न करेगा, वह आजीवन कारावास से जिसमें जुर्माना …

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चुरायी गयी सम्पत्ति प्राप्त करने पर संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखिये-

चुरायी गयी सम्पत्ति प्राप्त करने पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये-

चुरायी गई सम्पत्ति प्राप्त करना – भारतीय दण्ड संहिता की धारा 410 चुरायी हुई सम्पत्ति की परिभाषा प्रस्तुत करती है जिसके अनुसार- “वह सम्पत्ति जिसका कब्जा चोरी द्वारा या उदापन द्वारा या लूट द्वारा अन्तरित किया गया है और वह सम्पत्ति जिसका आपराधिक दुर्विनियोग किया गया है या जिसके विषय में आपराधिक न्यास भंग किया …

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अपराध करने के कौन-कौन से चरण हैं? तैयारी या प्रयत्न कब दण्डित होता है? समझाइये।

अपराध करने के कौन-कौन से चरण हैं? तैयारी या प्रयत्न कब दण्डित होता है? समझाइये।

अपराध करने के चरण– अपराध के निम्न चरण माने गये हैं- 1.अपराध करने का आशय (Intention ) – पहली अवस्था में अभियुक्त के दिमाग में दोषपूर्ण आशय की उत्पत्ति होती है, अर्थात् जब कोई व्यक्ति कोई भी अपराध करता है तो सबसे पहले उसके दिमाग में उस कार्य को करने की भावना उत्पन्न होती है। …

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मानहानि के अपवाद और तत्वों को जो कि भारतीय दण्ड संहिता में परिभाषित है, समझाइये।

मानहानि के अपवाद और तत्वों को जो कि भारतीय दण्ड संहिता में परिभाषित है, समझाइये।

अपवाद (Exceptions) – धारा 499 में निम्नलिखित अपवादों का उल्लेख किया गया 1. सत्य बात का ऐसा लांछन लगाना या प्रकाशित करना जो लोक-कल्याण के लिए अपेक्षित है यदि अभियुक्त यह साबित कर देता है कि उसने जो ‘लांछन लगाया है वह सत्य है तथा उसका लगाना या प्रकाशित करना लोक-कल्याण के लिए आवश्यक है …

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'मानहानि' को अपराध के रूप में परिभाषित कीजिए।

‘मानहानि’ को अपराध के रूप में परिभाषित कीजिए।

मानहानि (Defamation)-भारत में मानहानि को एक स्वतंत्र अपराध माना गया है। इतना ही नहीं, भारतीय दण्ड संहिता में अपमानजनक लेख व अपमानजनक शब्द के बीच कोई अन्तर स्थापित न करके दोनों को समान रूप से दण्डनीय बनाया गया है। धारा 499 के अनुसार- “जो कोई या तो बोले गये या पढ़े जाने के लिए आशयित …

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दहेज मृत्यु (Dowry Death) पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये-

दहेज मृत्यु (Dowry Death) – भारतीय दण्ड संहिता की धारा 304-ख के अन्तर्गत दहेज से मृत्यु के सम्बन्ध में प्रावधान है। यह प्रावधान दहेज निषेध (संशोधन) अधिनियम, 1986 की धारा 10 द्वारा भारतीय दण्ड संहिता में निविष्ट किया गया है। यह धारा यह प्रावधान करती है- – धारा 304 (ख) जहाँ किसी स्त्री की मृत्यु …

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