medieval history

रजिया के उत्थान व पतन पर प्रकाश डालिए।

रजिया के उत्थान व पतन पर प्रकाश डालिए।

रजिया के उत्थान व पतन रजिया भारत की प्रथम महिला शासिका थी वह तुर्क शासक इल्तुतमिश की पुत्री थी। वह रूकनुददीन फिरोजशाह के बाद सिंहासन पर बैठी जो अपनी अयोग्यता व भोग-विलास के कारण सिंहासन से हटा दिया गया था। रजिया को अमीरों व आम जनता ने 19 नवम्बर 1236 ई. में दिल्ली के सिंहासन …

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सल्तनत कालीन सैन्य व्यवस्था के संगठन में आरिज-ए-मुमालिक की भूमिका पर प्रकाश डालिए।

सल्तनत कालीन सैन्य व्यवस्था के संगठन में आरिज-ए-मुमालिक की भूमिका पर प्रकाश डालिए।

सेना की देख-रेख के लिए एक पृथक विभाग हुआ करता था जिसका प्रमुख दीवार ए-आरिज कहा जाता था। इसका अध्यक्ष ‘आरिज-ए-ममालिक’ कहलाता था। आरिज-ए-ममालिक ही सेना के रखरखाव उसके प्रशिक्षण, उसकी दक्षता और उसके प्रशासन के लिए उत्तरदायी था। उसका मुख्य कार्य सैनिकों को भर्ती करना और उनका वेतन निर्धारित करना था। भर्ती के लिए …

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सल्तनत कालीन न्यायिक व्यवस्था का संक्षिप्त वर्णन कीजिये।

सल्तनत कालीन न्यायिक व्यवस्था का संक्षिप्त वर्णन कीजिये।

सल्तनत कालीन न्यायिक व्यवस्था सल्तनत काल में न्यायिक व्यवस्था उत्तम प्रकार की थी सल्तनत कालीन समस्त सुल्तान न्याय प्रिय थे। न्याय का सर्वोच्च अधिकारी सुल्तान होता था। वह न्यायाधीशों द्वारा किये। गये निर्णयों के विरुद्ध अपील की सुनवायी करता था। उसके सम्मुख गम्भीर और नये मुकद्दमें भी पेश किये जाते थे। विद्रोहियों के मुकदमों का …

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बलबन की उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।

बलबन की उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।

बलवन की उपलब्धियों का वर्णन (1 ) ताज की प्रतिष्ठा में वृद्धि बलबन ने सुल्तान नासिरुद्दीन महमूद के शासनकाल में दिल्ली सल्तनत की स्थिति सुधारने का बहुत प्रयत्न किया परन्तु यह असफल न हो सका। इल्तुतमिश ने चालीस अमीरों का जो दल संगठित किया था उसकी शक्ति इस समय काफी बढ़ चुकी थी और ताज …

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रजिया की राज्य नीति का विवेचन कीजिए।

रजिया की राज्य नीति का विवेचन कीजिए।

रजिया की राज्य नीति रजिया की राज्य नीति – इल्तुतमिश ने अपनी पुत्री रजिया को अपना उत्तराधिकारी चुना था लेकिन 1236 ई. में इल्तुतमिश की मृत्यु के बाद कुछ सरदारों ने इल्तुमिश के दूसरे पुत्र रुकुनुद्दीन “फिरोजशाह’ को सिंहासन पर बैठा दिया। वह एक अयोग्य एवं विलासी व्यक्ति था तथा शासन के सब कार्यों की …

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तुर्की सल्तनत के संगठनकर्ता के रूप में इल्तुमिश के योगदान पर प्रकाश डालिए।

तुर्की सल्तनत के संगठनकर्ता के रूप में इल्तुमिश के योगदान पर प्रकाश डालिए।

तुर्की सल्तनत के संगठनकर्ता के रूप में इल्तुमिश के योगदान शम्सुद्दीन इल्तुतमिश ने गुलाम होते हुए भी सुल्तान के पद को हासिल किया जो उसकी योग्यता और कार्यकुशलता का जीवंत प्रमाण है। इल्तुतमिश साहसी सैनिक, अनुभवी सेनापति और योग्य शासक था। यह दूरदर्शी और कूटनीतिज्ञ भी था। इल्तुतिमश सुसभ्य था और उसने अपने दरबार में …

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पुनर्जागरण से आप क्या समझते हैं

पुनर्जागरण के क्या कारण थे? संक्षेप में लिखिए। What were the reasons for the Renaissance?

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आप सभी को पुनर्जागरण के क्या कारण क्या- क्या थे इन सभी के बारे में आज के आर्टिकल में संक्षेप में आप सभी से बात करेंगे आप सभी को नीचे लिस्ट के माध्यम से पुनर्जागरण के क्या कारण जो हैं उसे पढ़ें। पुनर्जागरण से आप क्या समझते हैं? इस …

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पुनर्जागरण से आप क्या समझते हैं

पुनर्जागरण से आप क्या समझते हैं? पुनर्जागरण से तात्पर्य । What do you mean by Renaissance? Meaning of Renaissance.

पुनर्जागरण से तात्पर्य है पुनर्जन्म या फिर से जागना। इस संदर्भ में मध्यकालीन पुनर्जागरण का अर्थ है, समाप्त प्रायः अवशेषों का पुनरूद्धार, नवोस्थान, नवचेतना कला और ज्ञान का पुनर्जन्म यूरोप के इतिहास में व्यापक तौर से पुनर्जागरण का तात्पर्य मध्य युग से आधुनिक युग को प्रारम्भ करने वाले उन सब परिवर्तनों से है, जिनके द्वारा, …

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पुनर्जागरण से आप क्या समझते हैं

पुनर्जागरण से आप क्या समझते हैं? इस काल के कला और स्थापत्य की विवेचना कीजिए।

पुनर्जागरण का अभिप्राय पुर्नजन्म, फिर से जागना या किसी समाप्त प्रायः अवशेषों का पुर्नस्थान करने से है। व्यापक दृष्टि से पुनर्जागरण का अर्थ मध्य युग से आधुनिक को आरम्भ करने के लिए उन सभी परिवर्तनों से है, उनके द्वारा सामन्तवाद का पतन, प्राचीन साहित्य का अध्ययन, छापाखाने का आरम्भ, बारूद तथा कुतुबनुमा का आविष्कार, नये …

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कुतुबुद्दीन ऐबक के प्रारम्भिक जीवन एवं उपलब्धियों पर प्रकाश डालिए?

कुतुबुद्दीन ऐबक के प्रारम्भिक जीवन एवं उपलब्धियों पर प्रकाश डालिए?

मुस्लिम आक्रमण के समय भारत की राजनीतिक दशा का वर्णन गजनी और गोर के सुल्तानों के यहाँ गुलामों की भरमार थी। राजनैतिक दृष्टि से इन गुलामों का विशेष महत्व थ। मुहम्मद गोरी के पास बहुत से गुलाम थे जिनमें कुतुबुद्दीन का नाम विशेष उल्लेखनीय है क्योंकि उसने भारत में एक राजवंश की नींव डाली। उसके …

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