Contract Farming क्या होता है? Contract Farming Law in Hindi -

Contract Farming क्या होता है? Contract Farming Law in Hindi

Contract Farming क्या होता है? Contract Farming Law in Hindi:- दोस्तों, भारत सरकार द्वारा किसानों के लिए समय-समय पर बेहतरीन farming अधिनियम को पारित किया गया है। Contract farming अधिनियम के तर्ज पर Contract Farming Law बनाने वाला देश का पहला राज्य तमिलनाडु बना। Contract farming केंद्रीय सरकार द्वारा पारित किया गया था। आज के इस लेख में हम आपको Contract farming क्या है और इस पर बनाए गए अधिनियम से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्यों के विषय में जानकारी देंगे। तो आइए शुरू करते हैं और के विषय में जानकारी दें।

Contract Farming क्या होता है? Contract Farming Law in Hindi

Contract Farming Law क्या होता है?

दोस्तों, Contract Farming के नियम को जानने से पहले किसानों के लिए बनाए गए Contract Farming के विषय में जानकारी का होना आवश्यक है। Contract Farming के द्वारा भारतीय किसानों को केंद्र सरकार के अधिनियम के अनुसार फसलों की खरीदारी करने वाले खरीदारों तथा फसल उत्पादन करने वाले किसानों के मध्य फसल पकने से पूर्व एक समझौते या कॉन्ट्रैक्ट किए जाते हैं।

Contract Farming Law के अंतर्गत भारतीय किसान अपनी ही जमीन पर खेती तो करता है लेकिन वह खेती अपने लिए नहीं करता बल्कि बाजार में उपस्थित निर्यातकों के लिए करता है। इस खेती में किसान को अपना किसी भी प्रकार से पैसा खर्च नहीं करना होता। Contract Farming के अंतर्गत किसान से कोई भी कंपनी या कोई खरीदार एक अनुबंध स्थापित करते हैं। और किसानों को फसल उगाने के लिए पूर्ण योगदान देते हैं। सरल शब्दों में कहा जाए तो किसानों को कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार खरीदारी करने वाले आदमी के लिए खेती करनी होती है जिसमें कॉन्ट्रैक्टर ही किसानों के खाद बीज और सिंचाई के अतिरिक्त लगने वाले सभी खर्च देते हैं।

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सरकार ने Contract Farming Law के अंतर्गत पशुपालन, मुर्गी पालन करने वाले किसान के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के अंतर्गत फसलों के संग्रह एवं उनको एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने हेतु लाइसेंस और प्रतिबंध में छूट दे रखी है।

Contract Farming Law in Hindi

दोस्तों, Contract farming के आ जाने से देश के उन किसानों को फायदा हुआ है जिनके पास फसल उगाने के लिए आवश्यक जमीन नहीं है। अब हम आपको Contract farming से संबंधित कानून के विषय में जानकारी देंगे। Contract Farming Law के अंतर्गत भारत के किसानों को निम्न नियम फॉलो करने होंगे।

  • Contract farming के उत्पादों एवं आयोजकों के हित की रक्षा के लिए farming मंत्रालय ने मॉडल farming विपणन समिति अधिनियम 2003 के अंतर्गत इस अधिनियम को तैयार किया था। जिसमें प्रायोजकों के पंजीकरण, समझौते की रिकॉर्डिंग और विवाद निपटान जैसे तंत्र के प्रावधान शामिल किए गए हैं।
  • इस प्रावधान के फल स्वरुप देश के कुछ राज्यों ने इस प्रावधान का अनुसरण करके अपने APMC अधिनियम में संशोधन किया। लेकिन पंजाब राज्य में Contract farming पर अलग कानून बनाया गया है।
  • केंद्र सरकार के इस मॉडल Contract Farming Law के माध्यम से राज्य सरकारों को, इस मॉडल अधिनियम के अनुरूप इस स्पष्ट Contract farming कानून अधिनियमित करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।
  • इसे बेहतर बनाने के लिए एक सुविधाजनक अधिनियम तैयार किया गया है। यह नियम विनियामक प्रकृति का नहीं है।

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Contract Farming Law के लाभ

केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई इस Contract farming से भारतीय किसानों को अनेक प्रकार के लाभ प्राप्त हुए हैं। जैसे कि:-

  • Contract farming से किसानों को उनकी उपज के लिए एक आश्वासन वाला बाजार उपलब्ध कराया गया है। तथा बाजार की कीमतों में उतार-चढ़ाव से किसानों को मिलने वाली पूंजी को सुरक्षित करके उनके जोखिम को कम किया गया है।
  • फसलों की पूर्व निर्धारित कीमतें, फसल कटाई के बाद होने वाली किसानों की क्षति के मामले में प्रतिपूर्ति करने का अवसर प्रदान करती है।
  • जैसा कि राष्ट्रीय farming नीति के अधिनियम में लिखा है कि farming में निजी क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसे नीति पर Contract Farming Law का लाभ प्राप्त होता है अर्थात farming के लिए नई प्रौद्योगिकी, विकासशील बुनियादी ढांचे आदि को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • किसानों को बेहतर आय को बढ़ाने तथा वैज्ञानिक पद्धति एवं किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधाओं को मुहैया करवा कर farming की उत्पादकता एवं दक्षता को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • Contract farming APMC के एकाधिकार को कम करती है और farming को एक संगठित गतिविधि प्रदान करती है। जिससे किसानों के उपज के गुणवत्ता एवं उत्पादन की मात्रा में सुधार होता है।
  • भारतीय किसानों को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग द्वारा आवश्यक फसलों को उगाने एवं वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में विशेष रुप से अधिक मूल्य वाले बागवानी उत्पादन को जोड़ने के लिए प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। तथा फसलों की बर्बादी को काफी कम किया जा सकता है।
  • निर्यात की दक्षता में वृद्धि होने से किसान और उपभोक्ता के मध्य आने वाले सभी बिचौलियों में कमी होगी। जिसके कारण खाद्य मूल्य मुद्रास्फीति को नियंत्रित किया जा सकता है।

Contract Farming Law की चुनौतियां

दोस्तों, Contract farming अधिनियम के आने से जहां किसानों को फायदा हुआ है उसके विपरीत कुछ क्षेत्रों में Contract farming की चुनौतियां भी बड़ी है। आइए आपको Contract farming की चुनौतियों के विषय में जानकारी दें।

  • Contract farming के मामले में आवश्यक उपयोग के प्रकार, स्थितियां आदि के संदर्भ में राज्यों में कानून के मध्य समरूपता का अभाव पाया गया। राज्यों के राजस्व की हानि की आशंका के चलते कुछ राज्य इस अधिनियम में सुधार की इच्छा प्रकट करते हैं।
  • वर्तमान समय में farming प्रधान राज्य जैसे पंजाब और तमिलनाडु में यह प्रचलित है जबकि अल्प और सीमांत किसानों के अधिक सघनता वाले राज्य इस लाभ को नहीं उठा पा रहे हैं।
  • इसमें निवेश के लिए किसानों को कारपोरेट जगत पर निर्भर होना पड़ता है। जिससे किसान कमजोर हो जाते हैं।
  • बाजार में पूर्व निर्धारित मूल्य के कारण किसानों को अपनी फसलों के लिए बाजार में उच्च मूल्य का लाभ प्राप्त नहीं हो पाता।
  • Contract Farming Law के कारण खेती में पूर्वजों एवं पीड़कनाशी हो का उपयोग लगातार बढ़ता जाता है। जिससे प्राकृतिक संसाधन एवं पर्यावरण पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है।

दोस्तों, आज के लेख में हमने केंद्र सरकार द्वारा 2018 में जारी की गई Contract farming अधिनियम के विषय में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। इस अधिनियम के द्वारा जहां किसानों को अपनी फसलों के लिए बेहतर आय प्राप्त हो रही है। दूसरी ओर अन्य राज्यों के किसानों को इसका लाभ प्राप्त नहीं हो पा रहा है।

Frequently Asked Question

  1. Contract Farming क्या होता है?
    उत्तर:- Contract farming के द्वारा देश के सभी किसानों को उन्नत प्रकार के वैज्ञानिक उपकरणों की सहायता से farming करना और उनकी आय में बढ़ोतरी करने हेतु यह नियम बनाया गया है।
  2. देश के किस राज्य में सर्वप्रथम Contract Farming Law लागू किया गया?
    उत्तर:- तमिलनाडु में सर्वप्रथम 2018 में Contract farming नियम को लागू किया गया।
  3. क्या सभी राज्य में समान Contract Farming Law है?
    उत्तर:- नहीं, farming प्रधान राज्यों में Contract farming नियम अलग हैं जबकि अन्य राज्यों में भिन्न है।
  4. Contract farming नियम किसानों के लिए लाभदायक है या हानिकारक है?
    उत्तर:- Contract farming नियम किसानों के लिए लाभदायक है किंतु पर्यावरण के लिए नुकसानदेह हैं।
  5. Contract Farming Law के क्या लाभ हैं?
    उत्तर:- Contract farming नियम के द्वारा किसानों को उनकी फसलों के उचित दाम, तथा वैज्ञानिक प्रकृति से किसानी को उत्कृष्ट बनाने जैसे अनेक लाभ प्राप्त होते हैं।

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