दण्ड प्रक्रिया (संशोधन) अधिनियम, 2005 द्वारा भारतीय दण्ड संहिता में निम्नांकित नई धाराएँ अन्तःस्थापित की गयी है
1. धारा 155क क
जानबूझ कर जुलूस में हथियार ले जाने या हथियारों का एक सार्वजनिक अभ्यास करने या संगठित करने या उसमें भाग लेने या हथियारों के सार्वजनिक प्रशिक्षण में भाग लेने को इस धारा के अन्तर्गत 6 माह तक की अवधि के कारावास एवं 2000 रुपये तक के जुर्माने से दण्डनीय अपराध घोषित किया गया है।
2. धारा 174क
दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 82 (1) के अन्तर्गत की गई उद्घोषणा के पालन में निर्दिष्ट स्थान पर यथासमय उपस्थित नहीं होने पर तीन वर्ष बाद कीअवधि के कारावास एवं जुर्माना से दण्डनीय अपराध माना गया है।
3. धारा 229क
यदि ऐसा कोई व्यक्ति जिसे जमानत पर या बिना प्रतिभूओं के बंधपत्र पर छोड़ा गया है, जमानत अथवा बंधपत्र की शर्तों के अनुरूप न्यायालय में बिना किसी पर्याप्त कारण के उपस्थित होने में असफल रहता है तो उसे इस धारा के अन्तर्गत एक वर्ष तक की अवधि के कारावास या जुर्माने से या दोनों से दण्डित किया जायेगा।
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