Dear Friends, आज आप सभी छात्रो के लिए ‘Indian River System Notes For UPSC, SSC, Railway Examination’ शेयर कर रहे हैं, जिसमे हम आपको भारत की विभिन्न नदियों के बारे में विस्तार से बतायेंगे, जिसमे कुछ प्रमुख नदिया सामिल है जैसे की सिन्धु नदी, झेलम नदी, चिनाब, रावी नदी, सतलुज नदी, तथा सिन्धु जल संधि आदि के बारे में सभी महत्वपूर्ण बिंदु के बारे में बतायेंगे| दोस्तों आप लोगो की जानकारी के लिए बता दे की रेलवे, SSC जैसी परीक्षा में हमेशा से ही इन सभी नदियों से प्रश्न पूछे जाते है जिसे अधिकतर छात्र गलत कर देते है| परन्तु अगर एक बार आप इन सभी नदियों को अच्छे से समझ ले तो इन सभी से पूछे गए प्रश्नों को बहुत आसानी से हल कर सकते है|

Friends SSC, परीक्षा में लगभग 2-3 प्रश्न जरुर पूछा जाता है जिसे हल करके आप अपने GS के स्कोर को और अच्छा कर सकते है| यंहा पर हम इन सभी नदियों के बारे में विस्तार से लिख दे रहें है इन्हें आप लोग पढ़ सकते है और साथ ही हम आप लोगो के लिए निचे Pdf भी लगा दे रहे है इसे भी डाउनलोड करके पढ़ सकते है जो की बिल्क्य्ल फ्री है|
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Classification of Indian River System
भारत की नदियों को कुल चार भागों में बांटा गया है जो निम्न है-
- हिमालय से निकलने वाली नदियाँ|
- दक्षिण से निकलने वाली नदियाँ|
- तटवर्ती नदियाँ|
- अंतर्देशिये नालों से द्रोणी क्षेत्र की नदियाँ|
हिमालय से निकलने वाली नदियाँ
हिमालय से निकलने वाली नदियां बर्फ और ग्लेशियर चलने से बनी है अतः इन में पूरे वर्ष के दौरान निरंतर प्रवाह बना रहता है हिमालय की नदियों के बेसिन बहुत बड़े हैं उनके जल ग्रहण क्षेत्र सैकड़ों हजारों वर्ग किलोमीटर में फैले हैं|
- सिन्धु नदी, गंगा नदी और ब्रम्हपुत्र नदी, हिमालय नदी प्रणाली में सामिल है|
- इन तीनों नदी तंत्रों का विकास एक अत्यंत विशाल नदी से हुआ है जिसे शिवालिक या हिंद ब्रह्मा नदी भी कहा जाता था| यह नदी असम से पंजाब तक बहती थी| प्लिस्तोसीन काल में जब पोटवार पठार का उत्थान हुआ तो यह नदी छिन्न-भिन्न हो गई और वर्तमान 3 नदी तंत्रों में बट गई| जिसे हम सिन्धु गंगा और ब्रम्हपुत्र के नाम से जानते है|
1.सिन्धु नदी तंत्र
इसके अंतर्गत सिन्धु और उसकी सहायक नदियां शामिल हैं सिन्धु तिब्बत के मानसरोवर झील के निकट चेमायुंगडुंग ग्लेशियर से निकलती है यह 2880 किलोमीटर लंबा है भारत में इसकी लंबाई 1114 किलोमीटर इसका जल संग्रहण क्षेत्र 11.65 लाख वर्ग किलोमीटर है|
सहायक नदियाँ
दायीं ओर से मिलने वाली:- स्योक, काबुल, कुर्रम, गोमल
बायीं ओर से मिलने वाली:- सतलज, व्यास, रावी, चिनाब एवं झेलम इस संयुक्त धारा तथा जास्कर, सियांग, सिगार, गिलगिट|
1960 में हुए सिंधु जल समझौता के अंतर्गत भारत सिंधु व उसकी सहायक नदियों में झेलम और चिनाब का 20% जल उपयोग कर सकता है, जबकि सतलज रावी के 80% जल का उपयोग कर सकता है| सिंधु नदी भारत से होकर तत्पश्चात पाकिस्तान से होकर और अंततः कराची के निकट अरब सागर में मिल जाती है|
झेलम नदी
यह पीरपंजाल पर्वत कि श्रेणी में शेषनाग झील के पास वेरीनाग झरने से निकलती है, और बहती हुई वूलर झील में मिलती है और अंत में चिनाब नदी में मिल जाती है| इसकी सहायक नदी किशनगंगा है| इसे पाकिस्तान में नीलम कहा जाता है|श्रीनगर इसी नदी के किनारे बसा है|
चेनाब नदी
यह नदी सिंधु नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है जो हिमाचल प्रदेश में चंद्रभागा कहलाती है यह नदी लाहुल में बाड़ालाचा दर्रे के दोनों ओर से चंद और भागा नामक दो नदियों के रूप में निकलती है|
रावी नदी
इस नदी का उद्गम स्थल हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में रोहतांग दर्रे के समीप है| यह पंजाब की पांच नदियों में सबसे छोटी है|
व्यास नदी
इसका उद्गम स्थल भी हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में रोहतांग दर्रे के समीप व्यास कुंड है यह सजल सतलज की सहायक नदी है यह कपूरथला के निकट हरि के नाम और स्थान पर सिंधु से मिल जाती है यह पूर्ण रूप से भारत में 460 से 470 किलोमीटर बहती है|
सतलज नदी
यह तिब्बत में मानसरोवर के निकट राकस ताल से निकलती है और भारत में शिपकीला दर्रा के पास में प्रवेश करती है भाखड़ा नांगल बांध सतलज नदी पर ही बनाया गया है|
2.गंगा नदी तंत्र
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में गोमुख के निकट गंगोत्री हिमनद से भागीरथी के रूप में निकलकर देवप्रयाग में अलकनंदा एवं भागीरथी के संगम के बाद संयुक्त धारा गंगा नदी के नाम से जानी जाती है| इलाहाबाद के निकट गंगा से यमुना मिलती है जिसे संगम या प्रयाग कहा जाता है| पश्चिम बंगाल में गंगा दो धाराओं में बढ़ जाती है एक धारा हुगली नदी के रूप में अलग होती है, जबकि मुख्य धारा भागीरथी के रूप में आगे बढ़ती है|
सहायक नदियाँ
बायीं ओर से मिलने वाली:- गोमती, घाघरा, गंडक, बूढ़ी-गंगा, कोसी, महानदी, ब्रह्मापुत्र|
दाई ओर से मिलने वाली:- यमुना, टोंस, सोंन|
यमुना नदी
यह गंगा की सबसे लंबी (1370 किलोमीटर) सहायक नदी है| यह बंदरपूंछ श्रेणी पर स्थित यमुनोत्री हिमनद से निकलती है| इसकी मुख्य सहायक नदियां हिंडोन, ऋषि गंगा, चंबल, बेतवा, केन, सिंध है|
रामगंगा नदी
यह नैनीताल से निकलकर कन्नौज के समीप गंगा में मिलती है|
गोमती नदी
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जनपद से निकलती है एवं गाजीपुर के निकट गंगा में स्थित है|
किनारे बसे शहर- लखनऊ, जौनपुर व गाजीपुर
घाघरा (सरयू) नदी
यह नेपाल के मापसा तुंग हिमानी से निकलती है एवं बिहार के छपरा के निकट गंगा में मिलती है|
सहायक नदियां-राप्ती, शारदा
किनारे बसे शहर- अयोध्या, फैजाबाद, बलिया|
दोस्तों हम यंहा पर कुछ प्रमुख बिंदु का उल्लेख किये है और हमे उम्मीद है की आप लोगो को पसंद आया होगा, भारतीय नदियों के बारे में और विस्तार से जानने के लिए हम आप लोगो के लिए एक पीडीऍफ़ का लिंक साँझा कर रहे है जिसे आप लोग डाउनलोड कर सकते है| जिसमे आप लोगो को Indian River System के बारे में विस्तार से जानकारी मिलेगी|
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