Some Typical Organic Reaction (कार्बनिक अभिक्रिया)
Some Typical Organic Reaction:- दोस्तों, आज हम आपको 12वीं एवं प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले कुछ कार्बनिक अभिक्रियाओं (Some Typical Organic Reaction) के बारे में जानकारी देंगे| आज के लेख में हम जिन अभिक्रियाओं के बारे में चर्चा करेंगे, ये सभी कार्बनिक अभिक्रियाओं (Organic Reaction) है| सामान्य रूप से प्रत्येक प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाती है जैसे एल्डोल संघनन, कैनिजारो अभिक्रिया, वुट्र्ज़ फिटिंग अभिक्रिया, वुट्र्ज़ अभिक्रिया आदि प्रकार की कार्बनिक अभिक्रिया प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछी जाती है| आज हम आपको इससे जुड़ी हुई कुछ सामान्य जानकारियां देंगे| जिसके द्वारा आपको अभिक्रिया को पहचानने एवं करने में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होगी| तो आइये शुरू करते हैं-
Contents
एल्डोल संघनन (Aldol Condensation Organic Reaction)
यह एक ऐसी रासायनिक अभिक्रिया है| जिसमें अल्फा हाइड्रोजन युक्त समान या विभिन्न एल्डिहाइडडो या कीटोनो के दो अणु तनु क्षार जैसे NaOH, Ba(OH)2 या K2CO3 की उपस्थिति में इस प्रकार संयोजित होते हैं कि एक अणु के C=O (ketone) का O (ऑक्सीजन) दूसरे अनु के एल्किल समूह के हाइड्रोजन से संयुक्त होकर हाइड्राइड (OH) मूलक बनाता है| जिसके फलस्वरूप संघनित यौगिक में हाइड्रोक्सी (-OH) तथा एल्डिहाइड (-CHO) या कीटोन (=CO) दोनों मूलक होते हैं यही योगिक एल्डोल संघनन (Aldol Condensation) कहलाते हैं|
यह अभिक्रिया एक अनुउत्क्रमणीय अभिक्रिया है| इससे प्राप्त एल्डोल गर्म किए जाने पर जल का एक अणु खोकर असंतृप्त एल्डिहाइड या कीटोन बनाता है जैसे –
कैनिजारो अभिक्रिया (Cannizzaro’s Organic Reaction)
अल्फा विहीन एल्डिहाइडो (HCHO, C6H5CHO) का 50% जलीय एल्कोहलिक कास्टिक क्षार से अभिक्रिया करके अल्कोहल व अम्ल के Na/K लवण का बनाना कैनिजारो अभिक्रिया कहलाता हैं| इस क्रिया में एल्डिहाइड के एक अणु का अपचयन होकर अल्कोहल वा दूसरे का ऑक्सीकरण होकर अनुरूपी अम्ल का Na/K लवण बनता है|जैसे –
दो विभिन्न एल्डिहाइडो जिनके अल्फा हाइड्रोजन नही हैं| क्रॉस्ड कैनिजारो अभिक्रिया देते हैं|
कर्बिलएमीन अभिक्रिया (Carbylamine Reaction)
जब किसी प्राथमिक ऐमीन (एलिफेटिक या एरोमेटिक) को क्लोरोफॉर्म और अल्कोहल KOH के साथ गर्म किया जाता है| तो अति दुर्गंध युक्त आइसोसायनाइड (कार्बीलऐमीन) बनता है| यह अभिक्रिया कर्बिलएमीन अभिक्रिया कहलाती है और प्राथमिक एमिनो के परीक्षण में प्रयोग होती है|
क्लीमेंनसन अपचयन (Clemmensen Reduction )
इस अभिक्रिया में Zn-Hg/ सांद्र HCl अपचायक के रूप में प्रयोग होता है| जो कार्बनिल समूह (=C=O) को (= CH2) समूह में अपचयित करता है| यह एल्डिहाइडो वा कीटोनो को एल्केन में परिवर्तित करने में प्रयोग होता है जैसे-
ईटार्ड अभिक्रिया (Etard Reaction)
इस अभिक्रिया में टालुईन का क्रोमिल क्लोराइड (CrO2Cl2) द्वारा आंशिक ऑक्सीकरण होकर बेन्ज्लडिहाइड बनाता है| इसमें मैथिल समूह (CH3) का एल्डिहाइड समूह (CHO) में परिवर्तन होता है| टालुईन के CS2 या CCl4 में बने विलियन में 45 डिग्री सेल्सियस पर क्रोमिल क्लोराइड (CrO2Cl2) प्रवाहित करने पर एक जटिल यौगिक अवक्षेपित होता है जिसका जल में वियोजन करने पर बेन्ज्लडिहाइड प्राप्त होता है|
फ्रिडल क्राफ्ट अभिक्रिया (Fridal-Craft Organic Reaction)
इस अभिक्रिया में बेंजीन नाभिक में एल्किल समूह(-R) या ऐसिल समूह (-COR) प्रविष्ट किए जाते हैं| एल्किलन के लिए एल्किल हैलाइड, अल्कोहल या एल्कीन प्रयुक्त होते हैं| ऐसिलन के लिए एसिड क्लोराइड या एसिड ऐनहाइड्राइड प्रयोग होते हैं| अभिक्रिया में ऐहाइड्राइड AlCl3, BF3, FeCl3, SnCl4 आदि उत्प्रेरक प्रयोग किए जा सकते हैं| ऐहाइड्राइड AlCl3 अति उपयुक्त रहता है, और अधिक मात्रा में प्रयोग होता है|
गाटरमान-कोच एल्डिहाइड संश्लेषण (Gattermann-Koch Aldhehyde Synthesis Organic Reaction)
इस संश्लेषण में बेंजीन से ईथर में बने विलियन में ऐहाइड्राइड AlCl3 उत्प्रेरक की उपस्थिति में उच्च दाब पर CO + HCl गैस मिश्रण प्रवाहित करने पर बेंजीन का बेन्ज्लडिहाइड में परिवर्तन होता है|
हेल वोल्हार्ड जेलिंस्की अभिक्रिया (Hell Volhard Zelinsky HVZ Reaction)
इस अभिक्रिया में जब किसी अल्फा हाइड्रोजन युक्त कार्बोक्सीलिक अम्ल को (P , I2, F2) उत्प्रेरक की उपस्थिति में CI2 या Br2 से अभिकृत किया जाता है| तो अल्फा हाइड्रोजन परमाणु CI या Br द्वारा विस्थापित होकर अल्फा क्लोरो या ब्रोमो को बनाते हैं यह अभिक्रिया HVZ Reaction कहलाती है|
मारकोनिकॉफ नियम (Markownikoff Rule) (Organic Reaction)
इस नियम के अनुसार असंतृप्त यौगिको को की योगात्मक अभिक्रिया में अभिकर्मक का ऋणात्मक भाग उस कार्बन परमाणु से संयुक्त होता है| जो न्यूनतम हाइड्रोजन परमाणु से जुड़ा हुआ होता है|
असममित एल्कीन व एल्काइन के योगात्मक अभिक्रिया इसी नियम के अनुसार होती है | जैसे-
प्रोपीन की हाइड्रोजन आयोडाइड (HI) से अभिक्रिया में कार्बन 1 परमाणु नंबर 2 पर चला जाता है| क्योंकि इस कार्बन पर कार्बन परमाणु नंबर 1 की अपेक्षा कम हाइड्रोजन परमाणु उपस्थित होते हैं|
परंतु पर ऑक्साइड जैसे बेंजोइल पराक्साइड की उपस्थिति में प्रोपीन पर हाइड्रोजन ब्रोमाइड का योग मारकोनिकॉफ नियम के विपरीत दिशा में होता है, और आइसोप्रोपिल ब्रोमाइड के स्थान पर नॉर्मल प्रोपिल ब्रोमाइड बनता है |पराक्साइड की उपस्थिति में योगात्मक क्रिया का मारकोनिकॉफ नियम के विपरीत दिशा में चलना परऑक्साइड प्रभाव या खैरश प्रभाव कहलाता है|
पार्किन अभिक्रिया (Perkin Organic Reaction)
इस अभिक्रिया में जब किसी एरोमेटिक एल्डिहाइड को एलिफेटिक ऐनहाइड्राइड के साथ संबंधित अम्ल के Na / K लवण की उपस्थिति में गर्म किया जाता है| तो संघनन की क्रिया होकर अल्फा एवं बीटा असंतृप्त बनता है| यह अभिक्रिया पार्किन अभिक्रिया कहलाती है| बेन्ज्लडिहाइड, एसिटिक ऐनहाइड्राइड के साथ सोडियम एसिटेट की उपस्थिति में सिनेमिक अम्ल बनाता है|
राइमर- टीमन अभिक्रिया (Reimer-Tiemann Organic Reaction)
इस अभिक्रिया में फिनॉल को क्लोरोफॉर्म जलीय सोडियम हाइड्रोक्साइड (NaOH) के साथ गर्म करने के बाद प्राप्त उत्पाद का जल अपघटन करने पर 2-hydroxy बेन्ज्लडिहाइड बनता है|
यदि क्लोरोफॉर्म के स्थान पर टेट्राक्लोराइड प्रयोग किया जाए तो या अभिक्रिया में सैलिसिलिक अम्ल बनाया जाता है
रोजेनमुंड अभिक्रिया (Rosenmund’s Organic Reaction)
इस अभिक्रिया में किसी एसिड क्लोराइड का प्लेटिनीकरण BaSO4 उत्प्रेरक की उपस्थिति में हाइड्रोजन द्वारा अपचयन करने की क्रिया रोजेनमुंड अभिक्रिया (Rosenmund’s Reaction) कहलाती है
BaSO4 की उपस्थिति में एल्डिहाइड का अल्कोहल में अपचयन नहीं हो पाता|
सैंडमायर अभिक्रिया (Sandmeyer Organic Reaction)
इस अभिक्रिया में बेंजीन डाईऐजोनियम क्लोराइड को CuCl+HCl के साथ गर्म करके क्लोरो बेंजीन, CuCl+HBr के साथ गर्म करके ब्रोमोबेंजीन और CuCl+KCN के साथ गर्म करके बेंजोनाइट्रिल बनाते हैं| इस क्रिया में डाईऐजो समूह का -Cl , -Br या -CN के द्वारा विस्थापन होता है|
विलियमसन संश्लेषण (Williamson Synthesis (Organic Reaction))
इस अभिक्रिया में एल्किल हैलाइड को सोडियम ऐल्कॉक्साइड या सोडियम फीनोक्साइड से अभिक्रिया करा कर ईथर बनाया जाता है|
वुर्ट्ज़ अभिक्रिया (Wurtz Organic Reaction)
इस अभिक्रिया में किसी एक या विभिन्न एल्किल हैलाइडो के दो अणु ईथर की उपस्थिति में सोडियम से अभिक्रिया कर आने पर एल्केन बनते हैं| इस अभिक्रिया का उपयोग संतृप्त हाइड्रोकार्बन एल्केन के संश्लेषण में किया जाता है|
वुर्ट्ज़ फिटिग अभिक्रिया (Wurtz-Fitting Organic Reaction)
यह वुर्ट्ज़ अभिक्रिया की परिवर्तित अभिक्रिया है| इसमें एरिल हैलाइड और एल्किल हैलाइड को ईथर की उपस्थिति में सोडियम से अभिक्रिया कराने पर बेंजीन के समजात बनाए जाते हैं|
अभिक्रिया और उनके उत्प्रेरक
अभिक्रिया (Reaction) | उत्प्रेरक (catalyst) |
एल्डोल संघनन (Aldol Condensation) | NaOH, Ba(OH)2, K2SO4 |
कैनिजारो अभिक्रिया (Cannizzaro’s Reaction) | NaOH and heat |
कर्बिलएमीन अभिक्रिया (Carbylamine Reaction) | KOH and heat |
क्लीमेंनसन अपचयन (Clemmensen Reduction ) | Zn-Hg/ HCl |
ईटार्ड अभिक्रिया (Etard Reaction) | CS2 |
फ्रिडल क्राफ्ट अभिक्रिया (Fridal-Craft Reaction) | ऐहाइड्राइड AlCl3, BF3, FeCl3, SnCl4 |
गाटरमान-कोच एल्डिहाइड संश्लेषण (Gattermann-Koch Aldhehyde Synthesis) | ऐहाइड्राइड AlCl3 |
हेल वोल्हार्ड जेलिंस्की अभिक्रिया (Hell Volhard Zelinsky HVZ Reaction) | (P , I2, F2) |
मारकोनिकॉफ नियम (Markownikoff Rule) | |
पार्किन अभिक्रिया (Perkin Reaction) | Na/K |
राइमर- टीमन अभिक्रिया (Reimer-Tiemann Reaction) | Aq. NaOH |
रोजेनमुंड अभिक्रिया (Rosenmund’s Reaction) | Pt. BaSO4 |
सैंडमायर अभिक्रिया (Sandmeyer Reaction) | CuCl+HCl/ CuBr+ HBr/ CuCN+KCN |
विलियमसन संश्लेषण (Williamson Synthesis) | sodium peroxide |
वुर्ट्ज़ अभिक्रिया (Wurtz Reaction) | Ether |
वुर्ट्ज़ फिटिग अभिक्रिया (Wurtz-Fitting Reaction) | Ether |